बुधवार, 12 अक्तूबर 2016

दोगली देशी कुकुरिया अऊर विलाईती बोल-६


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अगला दिन जब मैं क्लास में पहुँचे तो पूरी औपचारिकता समाप्त करने के बाद मैंने धनियवा को इशारा करते हुए कहा " धनियवा कल तुम कुछ क्रिकेट का उदाहरण दे रही थी और क्या स्लिप और गली की बात कर रही थी। आप कह रहीं थीं कि Indian Secularism आतंकवादी और उत्पीड़नकारी है। आप उसको सिद्ध कीजिए।
एतना में धनियवा खखारते हुए खड़ी हुई अऊर बोली 'गुरूजी Indian Secularism वह मैच है जो पूरा फिक्स है। उसका हर एक चयनकर्ता फिक्स है, हर खिलाड़ी फिक्स है और अंपायर जिधर का पलड़ा भारी देखता है उधर के पक्ष में निर्णय देता है। सर Indian Secularism पूरी तरह हस्तक्षेपकारी है,अँगुरी करना इसकी आत्मा है अऊर अईसन नहीं है तो Uniform Civil Code काहे नहीं है इस देश में? काहे अलग-अलग लोगों को अलग-अलग चश्मा से देखा जाता है? एक जगह एक धर्म की मान्यताओं को उनका अंदर का मामला कहकर मानवधिकारों के सबसे ढेर हनन को प्रोत्साहित किया जाता है अऊर उस धर्म के लोगों का तऊला जाता है अऊर तेल लगाया जाता है अऊर वहीं सबसे बड़ संंख्या वाले धार्मिक समूह जिसमें मानव अधिकारों का हनन जैसा कुछ नहीं है उसके आंतरिक मामलों में अँगुरी करके, सत्ता के द्वारा ही मानव अधिकारों का हनन किया जाता है अऊर उन्हें प्रताड़ित किया जाता रहा है। काहे मंदिरों का संपत्ति अऊर अधिकार में सरकार का हस्तक्षेप होता है अऊर बकिया के संपत्ति का कउनो लेखा-जोखा नहीं है? काहे उनके आमदनी के श्रोतों की खोजबीन नहीं होता है ? अऊर काहे उनको सब्सिडी दी जाती है?
गुरूदेव आपको मालूम है कि आप जो चन्नन टीका जो मथवा पर लगाते हैं, जानते हैं आप? आपको लोग कट्टर बूझते हैं अऊर बहुत हिकारत से देखता है कुल, अऊर आप फुल कर कुप्पा हो जाते हैं कि सब खुश होता है अऊर तारीफ करता है। आपसे मीठ-मीठ बोलकर तेल लगाता है आपको कुल, अऊर अगर कऊनो कपरा पर जालीदार टोपी पहिर के आ जाए अऊर दाढ़ी लमहर सा रख ले या कऊनो ऊ पलस वाला चिन्ह अपने गरवा में टाँग ले तो ऊहे सेकुलर दोगलवा कुल जो आपको गरियाते हैं ऊहे कुल उन सब को बोलेगा कि ' बताइए केतना अध्यात्मिक है अऊर केतना अपना धर्म के प्रति समर्पित है। आप अपने केसवा में ही देख लीजिए कि केतना दोगला है सब? जाली टोपी अऊर पलस के निशान वाला नाचे तो डिस्को अऊर हम अऊर आप नाचैं त भांड़ हैं? हऊ कवन कांडवा हुआ था दादरी-फादरी वाला एक ठो मू गया तो लगा कुल नारा लगावे कि देश असहिष्णु हो गया, असहिष्णुता फईल गयल है मय देश में। साला ई शब्दवे एतना भयंकर है कि लगता है कई बार बोल दिए तो लकवा न मार देे। सर्वाधिक संख्या वाला धर्म का कऊनो मू जाए तो पतो नहीं चलता है अऊर कऊनो दुसरका धरम का मू जाए, या कऊनो कारण से मू जाए तो ई कुल नेतवा अऊर टिबिया वाला अईसे छाती पीटेगा जईसे ए कुलहिनै क भतार मू गया हो, माई बिधवा हो जाती है, बहिन का सुहाग जईसे उजड़ गया हो जईसे? ससुरे विधवा हो जाते हैं अऊर तो अऊर बोरा भरके मुआबजा मिलता है अऊर कऊनो हमरे अऊर आपके धरम वाला मू गया तो बेचारा के परिवार को पनियो नहीं नसीब होता है, भुखले मू जाएगा सब। अबहिंए देखिए ठाकुर साहब को कहे कि दही-हांड़ी जन्मष्टमी में जो फोड़ा जाता है उसका ऊँचाई २० फुट से जादा नहीं होना चाहिए। इसको अंगुरियाना नहीं कहेंगे तो का सहलाना कहेंगे आप? अऊर ऊ जो कवन तेवहरवा होता है जिसमें जाली टोपी वाला कुल छोटका-छोटका लड़कवा कुल कोड़ा कोड़ा मारकर अपनही देंहिया को लहूलुहान करता है तो ठाकुर साहब गूँग काहे हो जाते हैं,आन्हर हो जाते हैं, अँगुरिया गायब हो जाती है ? ससुरा कऊनों संस्कृत में श्लोक बाँच दे तो कट्टर हो जाता है, अऊर उर्दू में जहर उगलता है तो बहुत संस्कारी अऊर धार्मिक हो जाता है, अँग्रेजी बोलकर ओझईती करकर, लालच देकर, फँसाकर पलस साईन वाला माला गला में पहिराता है तो कहते हैं कि अपने धरम का परचार कर रहा है। गुरूदेव गाँव में कऊनो धोती कुर्ता पहिन कर कऊनो ओझईती करे तो भरम फईला रहा है, रुढ़ीवादिता फईला रहा है कहता है सब दोगलवा अऊर कऊनों कोट-टाई अऊर सूट-बूट पहिर कर ओझईती करे तो अंग्रेजी में आप लोग कहते हैं 'मिरेकल' हो गया,'मिरेकल' हो गया अऊर कह कर डफली पीटते हैं? गाँव वाला को पकड़ कर थूर देता है सेकुलर पुलिस वाला अऊर कोट-टाई वाला करे तो आपका परपराता नहीं है, ससुरा हँसी आता है कि ईंहा का सेकुलरिज्म पलस साईन गला में पहिराने वाले को 'भारत रत्न' का उपाधि देता है अऊर माथे पर मुकुट चढ़ा देता है। एतना ढेर अँगुरिया करने का कीड़ा काट रहा है तो तनि सा तलाक वाला बॉल फेंक कर जो हैट-ट्रिक लगाकर महिलाओं का जीवन बर्बाद करते हैं उसपर तनि डायलॉग बोल कर देखिए, सब अँगुरिया नहीं हथवा करके आपके अंदर आपको उलाट देगा।सांसो नहीं आएगा फिर चिघांरियेगा अऊर  सेकुलरिज्म- सेकुलरिज्म चिल्ला चिल्ला कर झाल बजाईएगा।"
हमको तो पसीना आ रहा था लेकिन का कहते हम। हम चुपचाप रहे। धनियवा फिर कुछ देर रूक कर मुसकियाते हुए बोली ' गुरूदेव हम आपका अपमान थोड़े न कर रहे हैं हम तो अपना बिचार दे रहे थे। आप शिक्षक हैं हम लोग गलत भी हो सकते हैं अऊर सही पगदंडी तो आपै दिखाएँगे न?' इतना में घंटा बज गया अऊर कलऊतिया भी खड़ी हो गई अऊर बोली  "चलिए गुरूदेव आप जाइए। धनियवा तुम काहे गुरूदेव को परेशान करती हो? कल बाकी का बात होगा। वैसे गुरूदेव हैप्पी टीचर्स डे।" इतना में पूरा कलास खड़ा हो गया अऊर तेज आवाज में चिल्लाया " गुरूदेव हैप्पी टीचर्स डे"। अब हम का करते? मजबूरी में हमको भी बोलना पड़ा " थैंक यू चिलड्रेन" अऊर थैंक यू कहते हम स्टाफ रूम में चले गए अऊर जोश में दू बोतल पानी ढकार गए।

'बेबाकबनारसी'

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