सोमवार, 24 अगस्त 2015

जिंदगी भी हमें आजमाती रही और हम भी उसे आजमाते रहे १७

नौकरी तो मिल गई लेकिन सही में विश्वास ही नहीं हो रहा था। जैसे कोई गीत पसंद आ जाता है तो व्यक्ति बार-बार उसको रिवाइंड करके सुनता है उसी तरह बार-पिछले पाँच महीने की घटना मेरे मन और मस्तिष्क में रिवाइंड होकर सामने आती थी।घटनाएँ रिवाइंड होती थीं तो आँसू फारर्वड मोड में आ गए थे शायद इसलिए कि उनको मौका नहीं मिला था।इसी बीच अचानक दो दिनों के बाद फोन उस विद्यालय से आ गया जहाँ पर leave vacancy थी कि वो मेरी शर्त को मान गए हैं और इस वर्ष वह लोग मुझे PGT HISTORY के तौर पर नियुक्त करेंगे एवं अगले वर्ष मेरे लिए कक्षा 11-12 में नया विषय POLITICAL SCIENCE भी रखेंगे।मेरी वहाँ के प्रिंसिपल से बात हुई और उन्होंने कहा -" मिस्टर अनुराग वे डोंट वांट टू लीव अ टीचर लाइक यू एंड इन आर्डर टू रिटेन यू विथ अस वी विल इंट्रोड्यूस पोलिटिकल साइंस ऐज अ न्यू सब्जेक्ट.वी विल आल्सो हैव ऐन एडवांटेज दैट वी विल आल्सो गेट अ टीचर हू कैन  डील विथ फोर सब्जेक्ट्स अलोन एंड दैट टू वेरी कॉन्फिडेंटली ."
मैंने उनसे बड़ी विनम्रता से कहा मैम आई एम वेरी थैंकफुल टू यू दैट यू डिड दिस मच फॉर  मी.बट आई एम वेरी सॉरी टू इन्फॉर्म यू दैट आई गॉट द जॉब एंड आई हैव रिसीव्ड द ऑफर लेटर ऑफ़ अ स्कूल.बट एनीवे मैम आई विल कम टू मीट यू इन कपल ऑफ़ डेज " फिर मैडम ने कहा कि "मिस्टर अनुराग कोंग्रेचुलेशन्स फॉर योर जॉब एंड इट्स माय हार्ड लक दैट योर इशू गॉट स्टक बिटवीन मी एंड द मैनेजमेंट डिले .एनीवे व्हेनेवेर यू विश यू कैन कम टू मीट मी ."
फिर अगले दिन मेरे पास उस विद्यालय से फोन आया जिससे मैंने दोनों विषय पढ़ाने की शर्त के साथ 60000 रूपए की माँग की थी।उनका फोन जब मैंने उठाया तो उन्होंने कहा "मिस्टर  अनुराग आयी डिस्कस्ड योर प्रपोजल विथ हायर अथॉरिटीज एंड वी आर रेडी टू नेगोसिएट ऑन योर टर्म्स एंड कंडीसन्स. यू कैन कम टुमारो फॉर फरदर प्रोसीडिंग्स"

मैंने उनसे तुरंत कहा सर आयी ऐम वेरी सॉरी टू से दैट यू आर लेट ऐज आयी हैव रिसीव्ड ऑफर लेटर म वन ऑफ़ द स्कूल  इन  डेल्ही."
उन्होंने पूछा -" हाउ मच आर दे पेइंग यू ? " 
मैंने उनसे तुरंत कहा -"सर पे स्केल  अक्कोर्डिंग टू  PGT ग्रेड "
इसपर उन्होंने कहा "बट मिस्टर अनुराग वी आर पेइंग यू मोर एंड दैट आल्सो अप्प्रोक्सिमेटली  २२००० विथ आल द अदर फैसिलिटीज." मैंने तुरंत सोचा कि यह व्यक्ति मुझे खरीदने की कोशिश कर रहा है और मैंने तुरंत जवाब दिया सर आयी थैंक यू फॉर योर एफ्फर्टस एंड  फेवर फॉर मी.सर टुडे इफ आयी एक्सेप्ट योर ऑफर एंड रेफ्यूज़ देम एंड टुमारो इफ समबडी  विल पे मी 80000 एंड आयी एक्सेप्ट दैट एंड रेफ्यूज़ यू देन व्हाट विल यू थिंक अबाउट मी. सर आयी थिंक दैट आयी शुड नोट डिच दैट पर्सन हू ऑफ्फर्ड मी जॉब ऑन माय टर्म्स एंड  कंडीशंस विथ दिस स्टेटमेंट दैट 'मिस्टर सिंह आयी थिंक यू डिज़र्व इट एंड यू टेक आईटी ', व्हेन एवरीवन हियर आज ट्राइंग टू सप्रेस मी विद दियर अमाउंट इन सच अ वे दैट आयी ऐम  नॉट अ टीचर बट अ वर्कर ऑर अ प्रॉस्टिट्यूट. सर सॉरी फॉर दीज हार्श वर्ड्स बट माय  प्रिंसिपल्स एंड वर्क एथिक्स डसन्ट अलाउ मी टू मूव फॉरवर्ड विथ योर ऑफर'
बहुत से लोग मुझे अड़ियल, पागल, बेवकूफ और न जाने क्या-क्या कहेंगे और कह रहे होंगे लेकिन मैंने वह किया जो मेरी अंतरात्मा ने कहा।
मेरी बात उनके समझ में आ गई कि मैं नहीं मानने वाला हूँ तो उन्होंने कहा मिस्टर अनुराग आयी अंडरस्टुड योर पॉइंट एंड आयी रेस्पेक्ट योर वर्क एथिक्स.इट्स आवर हार्ड लक. बेस्ट ऑफ़  लक फॉर योर फ्यूचर होप वी मीट नेक्स्ट टाइम इन फ्यूचर "
मैंने धन्यवाद कहा और माफी माँगते हुए फोन काट दिया।उसके बाद मेरे पास करीब सभी विद्यालयों से फोन आया(केवल अलवर को छोड़ कर) कि वह मेरे शर्तों को मानने को तैयार हैं।मैंने सबको धन्यवाद कहा और अपनी नौकरी के बारे में सूचित किया।अब अगला लक्ष्य था पश्चिमी दिल्ली से दक्षिणी दिल्ली शिफ्ट करने के लिए कमरा खोजना और ऐसी स्थिति में जब जेब में पैसे न हों क्योंकि दो महीने का एडवांस किराया मकान मालिक को देने के लिए और एक महीने का किराया दलाल को।
मेरे सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि बटुआ कटने के कारण मेरे सब पहचान के कागजात गायब हो गए थे।गैस कनेक्शन ट्रांसफर कराना था उसके लिए पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी।मेरे को 16 अगस्त से स्कूल ज्वाइन करना था तो मैं किसी तरह पैसे की व्यवस्था करके एक कमरे का सेट खोजा और 15 अगस्त की शाम को सामान के साथ उधर चला गया।16 अगस्त से नौकरी शुरू की और उसी दिन अन्ना हजारे का आंदोलन शुरू हुआ और 30 अगस्त को जाकर उन्होंने अनशन समाप्त किया।संयोग देखिए कि उसी दिन मेरे गैस सिलिंडर की व्यवस्था हुई।चुंकि मैं बाहर कुछ नहीं खाता हूँ तो रोज सुबह, दोपहर और रात को केला खाता और रात में रोज आधा किलो का 'मदर डेरी' का पैकेट ले आता और उसे फाड़ करके पैकेट से ही मुँह लगाकर कच्चा दूध पीता था।इन 15 दिनों में अन्न से कोई परिचय नहीं हुआ ।
(क्रमशः)

'बेबाकी'

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