रविवार, 2 अगस्त 2015

जिंदगी भी हमें आजमाती रही और हम भी उसे आजमाते रहे १३

मेरी चिंता और बढ़ती जा रही थी।कैसे और कितने दिन दूसरे के यहाँ रहूँगा और कितने दिन तक किसी से पैसे लूँगा लेकिन एक नई चीज जो अलवर-कांड से निकल कर आई वो था आत्मविश्वास।मुझे भरोसा हो गया कि कोई तो होगा जो मुझे समझेगा और मेरे को मेरे काबीलियत के हिसाब से तौलेगा।अब तो और ही झुकने की जरूरत नहीं है।फिर दो दिन के बाद एक और स्कूल की तैयारी थी जहाँ यह फैसला होना था कि अब कौन किसको नापेगा।
(अब आगे....... )
मुझे जिस विद्यालय ने बुलाया था वह भी एक बहुत ही नामी विद्यालय था, जो उत्तरी दिल्ली में था।मैं सुबह तैयार होकर पहुँचा और रिशेप्सन पर जाकर बताया।मुझे पहले एक क्लास में ले गये और पढ़ाने को कहा।मैंने करीब 25 मिनट पढ़ाया लेकिन सही कहूँ मुझे बड़ा नीरस सा माहौल लगा।फिर मुझे कुछ देर प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया और विद्यालय के एक परिचारक भईया ने पानी और चाय पिलाया।चाय पीकर जैसे ही खाली हुआ वैसे ही मुझे एक कमरे में ले जाया गया जहाँ 5 लोग बैठे हुए थे।फिर मेरे से मेरा परिचय देने को कहा गया।उसके बाद प्रश्नों का सिलसिला शुरू हुआ।पाँचो लोगों ने मुझसे विषय और विषय से हटकर भी प्रश्न पूछे जिसका मैंने सफलतापूर्वक उत्तर भी दिया।कुछ मतभेद भी हुए पर मैंने उनको अपने उत्तरों द्वारा संतुष्ट कर दिया।20-25 मिनट के साक्षात्कार का मैंने आनंद उठाया और एक अच्छे एहसास के साथ उस कमरे से बाहर आया।बाहर आने के पश्चात मुझे फिर कुछ देर प्रतीक्षा के लिए कहा गया।
10 मिनट के पश्चात मुझे फिर एक कमरे में बुलाया गया।उस कमरे में 4 लोग बैठे हुए थे जिसमें विद्यालय के डायरेक्टर साहब, मैनेजर साहब, प्रिंसिपल साहब और वाइस-प्रिंसिपल साहब।मुझसे अपने पुराने अनुभवों को बताने के लिए कहा गया।मैंने जब खत्म किया तो डायरेक्टर साहब ने कहा-  "मिस्टर अनुराग पीपल हू वर देयर इन योर डेमो -क्लास एंड हू इंटरव्यूड यू वर अप्प्रेसिएटिंग यू अ लॉट दैट योर टीचिंग टेक्निक्स आर  वेरी फाइन एंड मोरोवर यू हैव साउंड सब्जेक्ट नॉलेज टू." मैंने उनको धन्यवाद कहा और फिर उन्होंने मुझसे पूछा - 'व्हाट वाज योर लास्ट सैलरी ? '
मैंने उनको अपना आखिरी वेतन बताया ।
उन्होंने फिर मुझसे पूछा - 'एंड व्हाट इस योर एक्सपेक्टेशंस'

मैंने फिर कहा- 'सर  अक्कोर्डिंग तो 6th पे कमीशन विथ अटलीस्ट 3 इंक्रीमेंट्स'
फिर उन्होंने कहा - 'वी कांत पे यू दिस मच.ऐट अ मैक्स वी कैन गिव यू 28000. व्हाट इस योर टेक ऑन दिस .'
मैंने कहा- नो सर. 
जैसे ही मैंने नहीं कहा, उनके चेहरे पर गुस्से के भाव उभर आए और फिर उन्होंने कहा- 'मिस्टर  अनुराग यू  डोंट  हैव एनी अदर जॉब  इन  योर  हैंड देन आल्सो  यू  हैव  दिस  काइंड  ऑफ़  नेगेटिव  एटीट्यूड'
उनके इस कथन पर मुझे भी गुस्सा आ गया और मैंने तुरंत ही उनकी बात को बीच में ही काटकर गुस्से से ऊँची आवाज में कहा 'होल्ड ऑन सर.यू मे डिफाइन इट ऐज नेगेटिव एटीट्यूड बट फॉर मी इट्स माय प्रिंसिपल.आई एम नोट गोइंग टू एक्सेप्ट सिंगल पेन्नी लेस दैन द सैलरी व्हिच आई विदड्रिव इन माय लास्ट इंस्टीटूशन एंड इवन नोट इक्वल टू दैट बट मोर दैन दैट एंड इट मे बी इवन 1रूपी मोर दैन दैट '
मेरे गुस्से को देखकर वह थोड़ा सामान्य हुए और उनको समझ में आ गया कि मैं झुकने वाला नहीं हूँ, तब उन्होंने कहा - 'मिस्टर अनुराग व्हाई आर यू गेटिंग हाइपर, कूल डाउन एंड लेट अस निगोशिएट.'

अब मेरा पारा चढ़ने लगा और मैंने कहा- 'मिस्टर अनुराग  व्हाई  आर यू  गेटिंग  हाइपर , कूल  डाउन  एंड  लेट  अस  निगोशिएट .'
अब मेरा पारा चढ़ने लगा और मैंने कहा- 'एक्सट्रीमली सॉरी सर एंड आई अपोलोजाईस फॉर दिस बट देयर इज  नथिंग टू निगोशिएट.आई डोंट वांट टू वर्क अंडर सच टाइप ऑफ़ मैनेजमेंट व्हिच हैज दिस टाइप ऑफ़  एटीट्यूड टुवर्ड्स एडुकेशन.नाउ, इवन इफ यू विल ऑफर मी डबल सैलरी आई विल रेफ्यूज़ दैट.इट्स बेटर दैट आई शुड एंटर फ्लेश ट्रेड इंडस्ट्री एंड सर्व ऐज जिगोलो रादर दैन बिकमिंग अ टीचर एंड एक्ट लाइक प्रॉस्टिट्यूट एंड प्लेइंग विद द स्पिरिट एंड सैंक्टिटी ऑफ़ दिस नोबल प्रोफेशन.'
इतना कहने के पश्चात मैंने गुस्से में धन्यवाद कहा और तुरंत कमरे से बाहर आ गया। बाहर निकलने के बाद तुरंत एक दुकान और फिर पानी और पान।मुझे निराशा जरूर थी लेकिन कोई पछतावा नहीं था।

(क्रमशः)
'बेबाकी'

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