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कलास से निकल तो गए लेकिन पता नहीं काहे बहुत शांति लग रही थी। स्कूल से घर आकर मैं खूब मौज में था। जबर भोजन किए, खूब पान घुलाए और अगले दिन पहुँचे स्कूल। तिसरका घंटा था कक्षा ११ में तो पहुँचा कलास में। पहुँचे तो देखे कलऊतिया का चेहरा लकलका रहा था अऊर धनियवा बगले में खड़ा मुसकिया रही थी। कलास में घुसने के बाद हम डस्टर उठाकर ब्लैकबोर्ड मिटाने लगे अऊर टॉपिक का नाम लिख दिए। जैसे ही मूड़ी घुमाए थे वईसहीं कलऊतिया बोली " गुरूजी कल जहाँ खतम किए थे ओकरे आगे शुरू करें?"
हमहू उसको देखकर मुसकियाते हुए बोले " का बात है कलऊतिया आज बड़ा जोश में हो? रोके नहीं पा रही हो अपने को? अच्छा शुरू करो।" कलऊतिया खड़ी हुई अऊर बोली " गुरूजी कल हम कह रहे थे कि सेकुलरिज्म दोगली कुकुरिया है अऊर एक असंभव प्रोजेक्ट है। गुरूजी अल्पसंख्यकों को तेल लगाओ, बहुसंख्यकों को गरियाओ अऊर उनकरे धरम को सांप्रदायिक बताकर वोट बैंक की राजनीति करो। जेतना गरियाओगे बहुसंख्यकों को अऊर ओनके धरम को ओतना झऊवा भर भर के भोट बटोराएगा। गुरूदेव जब हमारे ईंहा religion नाम की चिड़िया पईदे नहीं हुई तो उसको यहाँ का धरम का बुझाएगा? ऊ तो वहीं का भाषा न बोलेगी। जो उसके religion को माने ऊ religious हो गया अऊर जो न माने ऊ anti-religious हो गया। हमरे ईंहा धर्म का सिद्धांत है जो बहुतै व्यापक है ई रिलीजन वाली बिदेशी कुकुरिया को नहीं समझ में आएगा। अपने ईहां 'एकम सत विप्रा बहुधा वदन्ति' का सिद्धांत हैं अऊर रिलीजन में ' ऊहे सत्य जवन हम वदन्ति' का सिद्धांत है मानोगे तो चैन से साँस लेने देंगे नहीं तो तलवार से टुकड़ा- टुकड़ा कटा जाओगे नहीं तो बम से उड़ा दिए जाओगे।"
कलऊतिया एतना बोली ही थी कि तब ले प्रिंसिपल साहिबा राऊंड पर आ गईं अऊर कलऊतिया की तेज आवाज सुनकर कलास के गेट के पास रूक गईं।
कलऊतिया का आवाज तेज होते जा रहा था अऊर चेहरा लाल तो रूक कर वो धनियवा की तरफ मुँह करके बोली " अरे धनियवा तनि बोतल क पानी दे बोलत बोलत पियास लग गयल ससुरा टॉपिकवा बहुत गरम है। जब बोले में एतना गर्मी फूँक रहा है तो देश हमार ७० बरिस से केतना गरमी झेला ए कुकुरन के चक्कर में।" प्रिंसिपल साहिबा कलास में घुस गईं अऊर बोलीं " What happened Mr. Anurag? Why Kalawati is angry and what is happening?" एतना में मँगरुआ ससुरा मुसकियाते हुए खड़ा हुआ अऊर बोला " Nothing much Ma'am. Actually we are having debate on the topic Secularism and Kalawati is putting her points against the topic and the explanation that is given in the book" प्रिंसिपल साहिबा बोलीं " I would also love to be the part of the debate and would like to hear Kalawati's explanation" एतना कहने के बाद मैडम पीछवां जाकर एक ठो खाली टेबुल-कुर्सी पर जगह ले लीं। हम मनेमन सोचे 'ले लोटा, गईल भईंस पानी में। ए मुँहफुकऊनी को भी अभिएं आना था।'
धनियवा पानी की बोतल उठाकर कलऊतिया के पास पहुँच गई अऊर बोतल खोलकर उसको पकड़ा दी तो कलऊतिया बोतल से पानी ढकारने लगी। एतने में धनियवा बोली " सही कहत हऊ बहिन ई दोगली कुकुरिया बहुत काटी है देश को। वसुधैव कुटुम्बकम् वाला हमार देश ए सेकुलरिज्म के ज्वाला में जर गया अजादी के बाद नहीं तो कहाँ पहुँचा होता आज हमरा देश।"
कलऊतिया पानी पीकर साँस लेकर सुस्ताने लगी अऊर फिर बोली " गुरूजी सबसे बड़का बात तो ई है कि हम लोग को एतना बरिस से इहे सब पढ़ाया जा रहा है? अकबर रोड, शाहजहाँ रोड, औरंगजेब रोड, किंगस्वे कैंप पता नहीं केतना रोड का पट्टा ए कुलहिन के नाम से कर दिया गया? नेता जी रोड, राणा सांगा, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, को कऊनो याद नहीं करता है काहे कि ई सब तो सेकुलर कुकुरिया के लिए तो आतंकवादी था? जो रक्षक था उसको भक्षक बना दिया अऊर जवन भक्षक थे उनकरा को रक्षक बनाकर देश का पट्टा कर दिया ओ कुलहिन के नाम पर। अपनी संस्कृति को असभ्य करार देकर बहरी से जो आक्रमण किया ऊ सभ्यता के भगवान बना दिए गए। गुरूजी ई कुल इतिहास अऊर राजनीतिशास्त्र की कितबिया को पहिले फुँकवाईए अऊर इतिहास को फिर से लिखवाईए। भारत विश्व गुरू रहा है तो घंटा हिलाकर नहीं रहा है एकर गौरवशाली इतिहास है। उस इतिहास के कुल पहलू को उजागर करना होगा। चाहे धार्मिक हो, राजनीतिक हो, आर्थिक हो, सांस्कृतिक, वैग्यानिक इत्यादि का इतिहास रहा हो सबको ध्यान देकर फिर से शिक्षा का अंग बनाना पड़ेगा। जब हम आज से ५००० बरिस पहिले एक उच्चतम सभ्यता के साथ रह रहे थे तो पूरा विश्व निपटने के बाद धोने का स्किल भी नहीं सीख पाया था। ससुरे चलें हैं हमको सभ्य बनाने।"
एतना में कलास पूरा मिलकर थपोड़ी पीटने लगा तो मैडम भी जोशियाए हुए बोलीं " well done Kalawati, nice arguments" अरे इसके बाद तो कलऊतिया का करेजा अऊर हरियर हो गया तो अऊर जोश में आते हुए बोली " सेकुलरिज्म-फेकुलरिज्म सब ढकोसला है। ई कभी जोड़ नहीं सकता है बल्कि तोड़ने में सबसे आगे रहता है काहे कि तोड़ना ही उसका लक्ष्य अऊर उद्देश्य है। पहिले तो फिर से किताब लिखा जाए अऊर जो दललवा दलाली करके पुरनका फर्जी इतिहास लिखा है ओ कुलहिन को दंड मिले अऊर देश का गलत इतिहास लिखने के अपराध में आर्थिक दंड मिले, देशद्रोही कहा जाए कुलहिन को। सेकुलरिज्म एक विलाईती कुकुरिया है जो बिदेशी भाषा ही जानती है अऊर वईसहीं भौंकेगी भी जिसका लक्ष्य तोड़ने के अलावा कुछ नांही है अऊर हम वसुधैव कुटुम्बकम् वाले हैं जिसका लक्ष्य जोड़ना है अऊर आज तक वही किया है ऊ। इसलिए वसुधैव कुटुम्बकम् अऊर सेकुलरिज्म विरोधाभाष है और इसलिए भारत के लिए यह असंभव प्रोजेक्ट है and my conclusion is that " Secularism is an impossible project"
एतना कहने के बाद कलऊतिया चुपा गई तो प्रिंसिपल साहिबा के साथ साथ पूरा कलास खड़ा हो गया अऊर जोर जार से हँसते हुए थपोड़ी पीटने लगा।हम तो पानी पानी हो गए। प्रिंसिपल साहिबा बोलीं " Mr Anurag you have taught your class very well and your students have develop ability to express themselves and debate on the topic. Well done Mr Anurag and Kalawati to you also" एतना कहते ही पूरा कलास जमकर थपोड़ी पीटने लगा तो हमको समझ में नहीं आ रहा था कि वह कलऊतिया के लिए थपोड़ी पीट रहा है कि हमरे लिए या दुनहू लोगों के लिए। हम मनेमन सोचे कि ' मैडम हम का बताएँ आपको कि डिबेट थोड़े न हो रहा था बल्कि आक्रमण हो रहा था हमरे ऊपर। पिछला दस कलास से हम कईसे झेले हैं आप नहीं बूझ सकिएगा। रोज घायल अऊर बेआबरू होकर इस कूचे से निकलते रहे हम।'
एतना में घंटा बज गया अऊर हम कलास से निकल आए लेकिन एगो शांति था कि चलो महाभारत खतम हुआ। आगे का महाभारत दूसरे कुरूक्षेत्र में लड़ा जाएगा कम से कम।
'बेबाकबनारसी'
:) बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआभार आपका सर आपके प्रोत्साहन एवं आशीर्वाद के लिए
जवाब देंहटाएंआपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंAabhaar Ma'am aapke aashirwaad ke liye.
जवाब देंहटाएंइतना बढ़िया लेख पोस्ट करने के लिए धन्यवाद! अच्छा काम करते रहें!। इस अद्भुत लेख के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंRation Card Suchi
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